विवाह मुहूर्त 2022
विवाह शुभ मुहूर्त
हमारे जीवन में विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार है। भारतीय संस्कृति में हमारा जीवन चार आश्रमों में विभाजित है। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास । इन चारों आश्रमों का मुख्य आधार गृहस्थाश्रम है और गृहस्थ आश्रम का मुख्य आधार विवाह है| बिना विवाह संस्कार के गृहस्थ आश्रम की कल्पना भी नहीं की जा सकती ,क्योंकि गृहस्थ आश्रम संतान सिद्धि के लिए मुख्य आश्रम है। इसलिए विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष विचार किया जाता है।
विवाह संस्कार के लिए हमारे प्राचीन ग्रंथों में ऋषि-मुनियों ने कुछ नियम निर्धारित किए थे। जो अधिकांश आज भी प्रचलित हैं । परंतु उनमें से कुछ नियम देशकाल, वातावरण के अनुसार परिवर्तित किए गए हैं ।जैसे कि वर और कन्या की विवाह योग्य कानूनी आयु भारतवर्ष में 18 साल निर्धारित है। जबकि हमारे प्राचीन ग्रंथों में विवाह योग्य उम्र लड़की के लिए 6 बरस से 12 है ।. यह आयु आज के युग में तर्कसंगत नहीं है । आज, जब लड़का लड़की विद्या अध्ययन पूर्ण करने पर विवाह के योग्य हो जाएं तब माता-पिता अपने कुल की परंपरा के अनुरूप लड़की के लिए के लिए सुयोग्य वर का वरण करें।
आजकल पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के कारण वैवाहिक जीवन पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है इसका कारण यही है कि अपनी वैदिक परंपरा अनुसार विवाह का तय ना होना। अगर सुखी वैवाहिक जीवन चाहिए तो हर शादी तय करने से पहले विद्वान ज्योतिषियों से वर कन्या की जन्म कुंडली का मिलान करवा लेना चाहिए। जन्म कुंडली में सभी शुभाशुभ योगों पर ध्यान देना चाहिए और वर्ण आदि अॅष्टकूट तथा राशियों के शुभाशुभ योग देख कर अंतिम निर्णय लेना चाहिए ।उसके बाद ही शादी तय करनी चाहिए। अर्थात वागदान मुहूर्त (अर्थात वाणी द्वारा संकल्प) सगाई जिसे रोका भी कहते हैं, करना चाहिए।
सगाई मुहूर्त
सगाई निम्नलिखित नक्षत्रों में शुभ वार शुभ, लग्न शुभ मुहूर्त में आचार्य/ पुरोहित, कन्या के पिता, भाई या अभिभावकों से गणेश आदि पूजन कराके कुमकुम केसर से वर का तिलक करें। मौली रक्षा सूत्र बांधेन । श्री फल नारियल , मिठाई, पुष्प माला ,वस्त्र ,आभूषण देकर के सम्मानित करें।
सगाई के लिए शुभ नक्षत्र
अश्विनी ,कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, मघा, पू फा , उ फल्गुनी , हस्त, चित्रा, स्वाती, अनुराधा,मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ , श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, और रेवती । ये सभी नक्षत्र शुभ सयोंगो से योक्त होने चाहिये । सगाई होने के बाद वर पक्ष भी कन्या का वरण करें अर्थात कन्या की गोद भरे। इसके उपरांत विवाह के लिए मुहूर्त चयन कराएं।
विवाह के लिये शुभ महीने
वैशाख ,ज्येष्ठ ,आषाढ़, कार्तिक, मार्गशीर्ष, माघ, और फाल्गुन। यह माह शुभ माने गए हैं। चैत्र और पौष को छोड़कर अन्य सभी महीनों में विवाह होते हैं।
कुछ वर्गों को छोड़ कर के देव शयन चातुर्मास में अर्थात आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक विवाह नहीं होते परंतु सिंध , पंजाब, कश्मीर, हिमाचल आदि प्रांतों में इन 4 महीनो में भी विवाह होते हैं।
विवाह के लिए शुभ नक्षत्र
मूल, अनुराधा, मृगशिरा, रोहिणी ,हस्त, रेवती, स्वाति, मघा, उत्तराफाल्गुनी , उत्तराषाढ और उत्तराभाद्रपद। यह 11 नक्षत्र विवाह के लिए सर्वमान्य हैं । इसके अलावा यजुर्वेदियों के लिए अश्वनी, चित्रा, श्रवण और धनिष्ठा ये चार नक्षत्र भी शुभ माने गए हैं । अतः विवाह के लिए कुल उपर्युक्त 15 नक्षत्र ही शुभ है।
विवाह मुहूर्त चयन करते समय 10 महा दोषों का ध्यान रखा जाता है। यह 10 महादोष हैं
लतादोष, पातदोष , युतिदोष , वेधदोष , जामित्र दोष बाणदोष और एकार्गलदोष ,उपग्रह दोष ,क्रांतिसाम्य , महापात और दग्धा तिथि
इन दोषो में वेध दोष , मृत्यु वाण और क्रांति साम्य ये तीन महा दोष सर्वथा वर्जित है। शेष 7 में से चार दोष भी रहने पर विवाह मुहूर्त की लग्न शुद्धि करने से दोष नष्ट हो जाते हैं।
अब मैं विवाह मुहूर्त की सन 2022 की दिनांक नीचे लिख रहा हूं।
यह सभी दिनांक शुभ विवाह मुहूर्त के लिए हैं ,परंतु यह ध्यान रहे की इनमें से कोई विशेष दिनांक चुनने के बाद उसका त्रिबल शुद्धि अपने योग्य ज्योतिषी द्वारा अवश्य कराएं । त्रिबल शुद्धि वर और कन्या की जन्म राशि के अनुसार की जाती है। त्रिबल शुद्धि के बाद ही शादी की तारीख निश्चित करें ।त्रिबल शुद्धि कराने के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके उचित दिनांक तय कर सकते हैं।
शुभ विवाह मुहूर्त : 2022
नवंबर और दिसंबर 2022 के विवाह मुहूर्त
क्रमांक | दिनांक | वार | हिंदी महीना पक्ष और तिथि | नक्षत्र | विवाह मुहूर्त की शुद्धता प्रतिशत में |
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1 | 23/11/ 23 | गुरुवार | कार्तिक शुक्ल एकादशी | उ भा. | 70% |
2 | 24/11/ 23 | शुक्रवार | कार्तिक शुक्ल द्वादशी | अश्विनी | 60% |
3 | 27/11/ 23 | सोमवार | कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा | रोहिणी | 70% |
4 | 28/11/ 23 | मंगलवार | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा | रोहिणी | 80% |
5 | 29/11/ 23 | बुधवार | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष द्वितीया | मृगशिरा | 80% |
6 | 03/12/23 | रविवार | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष ६ | मघा | 70% |
7 | 04/12/23 | सोमवार | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष ७ | मघा | 60% |
8 | 07/12/23 | गुरुवार | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष १० | हस्त | 70% |
9 | 08/12/23 | शुक्रवार | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष ११ | चित्रा | 70% |
10 | 09/12/23 | शनिवार | मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष १२ | चित्रा | 80% |
नोट:; इन इन मुहूर्त के अतिरिक्त अन्य महूरत भी आपको विभिन्न पंचांगो, चैनलों, वेबसाइट आदि पर मिल जाएंगे। परंतु हमारे अनुसार वह सभी मुहूर्त उपर्युक्त मानदंडों से अलग मानदंडों द्वारा निर्धारित किए गए होंगे। हमारे अनुसार उपर्युक्त विवाह महुर्त पुर्णत शुद्ध हैं । इसलिए शादी जैसे पवित्र संस्कार के लिए पूर्णता शुद्ध विवाह महुरतो का उपयोग करने में ही समझदारी है, पूर्णत शुभ विवाह मुहूर्त में शादी करने पर वैवाहिक जीवन बहुत ही आनंदमय रहता है।